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मसूर दाल की खेती, नंवबर में करें बुवाई

Masoor Dal
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मसूर की बुवाई का सही समय अक्टूबर से नवंबर तक माना जाता है। मसूर की फसल के लिए बीज की मात्रा (छोटे दाने वाली किस्मों) के लिए प्रति हेक्टेयर 30 से 45 किलो बीज चाहिए। (बड़े दाने वाली किस्मों) के लिए प्रति हेक्टेयर 45 से 60 किलो मसूर के बीज चाहिए।
मसूर की फसल लगभग 110 से 140 दिन मे तैयार हो जाती है।

कैसे करें मसूर का खेत तैयार (How to prepare lentil field)

मसूर की खेती के लिए खेत में एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें। इसके बाद कम से कम खेत की 2 जुताई कल्टीवेटर से करें। हर बार जुताई के बाद खेत में पाटा जरूर लगाएं, ताकि मिट्टी की नमी सुरक्षित रहे।

मसूर की बुवाई कैसे करें? (How to sow lentils?)

मसूर की की बुवाई सीड ड्रिल या देसी हल के जरिए से की जाती है। इसके लिए क्यारी से क्यारी की दूरी 30 सेमी रखनी चाहिए।

मसूर की खेती के लिए सिंचाई (Irrigation for lentil cultivation)

पूरी फसल की अवधी के दौरान 2 सिंचाई 40 से 45 दिन के अंतर की जाती है।

वहीं मसूर की उपज और लाभ प्रति हेक्टेयर 15 से 20 क्विंटल तक उत्पादन हासिल हो सकता है। मंडी में मसूर के दाम 5 से 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हासिल होते हैं।

बतादें कि मसूर की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में की जाती है।

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