उत्तरप्रदेश, बिहार और हरियाणा में भी सेब उगाना सम्भव
आपने अक्सर सुना होगा कि सेब की खेती ठंडे इलाक़ों में की जाती है जैसे कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड। लेकिन अगर कोई आप से कहे कि अब सेब उत्तरप्रदेश, हरियाणा या बिहार में भी उगाया जा सकता है तो शायद आपको ये मज़ाक़ लगेगा।
घर की छत पर कैसे उगायें सेब
लेकिन ये कमाल कर के दिखाया है हिमाचल के एक किसान ने। जी हाँ, हिमाचल के बिलासपुर ज़िले के पनियाला गाँव के रहने वाले श्री हरिमोहन शर्मा ने सेब की ऐसी क़िस्म विकसित की है जिसे गर्म प्रदेशों में भी उगाया जा सकता है। श्री हरिमोहन शर्मा एक प्रगतिशील किसान हैं और उनके द्वारा उगाई गई इस क़िस्म का नाम है एचआरएमएन -99 (HRMN-99)। इस क़िस्म की ख़ासियत ये है कि आप इसे घर की छत या अपने किचन गार्डन में भी उगा सकते हैं। इसका 13 महीने का पेड़ फल देना शुरू कर देता है। मणिपुर, जम्मू, हिमाचल के निचले इलाक़ों तथा कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में किसान इसमें हाथ आज़मा रहे हैं।
प्रगतिशील किसान हरिमोहन शर्मा की सेब उगाने की यात्रा भी बड़ी रोचक है सन 1998 में उन्होंने बिलासपुर के घुमारवीं गाँव से खाने के लिए कुछ देब ख़रीदे थे। सेब खाने के बाद उन्होंने सेब के बीज घर के पिछवाड़े में फेंक दिए। फिर उन्होंने एक दिन घर के उस हिस्से में सेब का एक अंकुर देखा। खेती और बाग़वानी में रुचि रखने वाले इस किसान ने समझ लिए कि समुद्र तल से 1800 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित पनियाला जैसे गर्म स्थान पर अंकुरित होने वाला सेब का यह पेड़ असाधारण है। धीरे – धीरे यह पौधा बड़ा होना शुरू हुआ और वर्ष 2001 में उसमें फल भी लगा। हरिमोहन ने इस पेड़ को मदर प्लांट के रूप में संरक्षित किया।
हरिमोहन ने इस पेड़ की कलम को ग्राफ़्ट करके प्रयोग करना आरम्भ किया और धीरे – धीरे अगले चार वर्षों में उन्होंने सेब के पेड़ों का एक छोटा सा बाग बनाया। नेशनल इनोवेशन फ़ाउंडेशन (NIF), भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोदयोगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त निकाय एक क़िस्म की जाँच की। उन्होंने किसान के किए गए दावों की भी पुष्टि की तथा आण्विक एवं विविधता विश्लेषण अध्ययन तथा फलों की गुणवत्ता परीक्षण के ज़रिए इस क़िस्म की विशिष्टता व क्षमता का मूल्यांकन किया।
सरकार ने पौध क़िस्म संरक्षण और किसान अधिकार अधिनियम, 2001 के तहत सेब की इस प्रजाति (HRMN-99) का पंजीकरण करवाने में मदद की साथ ही इसकी नर्सरी की स्थापना और इसके प्रसार के लिए वित्तीय व तकनीकी सहायता भी प्रदान की।
इसके लिए भारत सरकार द्वारा 4 मार्च, 2017 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। इसके अलावा श्री हरिमोहन शर्मा को 16 राष्ट्रीय व 10 राज्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
और पढ़ें…
नवंबर महीने में बेहतर उत्पादन देने वाली 10 फसलें