Plymouth Rock chicken: ग्रामीण इलाक़ों में छोटे किसान या भूमिहीन किसान अक्सर अच्छी आय के लिए मुर्गी पालन का चयन करते हैं। लेकिन मुर्गी की किस नस्ल का पालन किया जाए, इसके लिए किसान बहुत परेशान रहते हैं। तो यदि आप भी किसी ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो इस लेख में हम आपको बताएँगे कि मुर्गी की Plymouth Rock chicken नस्ल से आप अंडे का बेहतरीन उत्पादन कर कई गुना लाभ कमा सकते हैं।
दरअसल भारत के हर राज्य में अंडे व चिकन (Egg and Meat Production) की डिमांड होने के कारण मुर्गी पालन किसानों में बहुत लोकप्रिय हो रहा है। इसका दूसरा पहलू ये भी है कि मुर्गी पालन शुरू करने के लिए ज़्यादा लागत की ज़रूरत नहीं होती। इसे शुरुआत में कम पैसे लगाकर छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है।
मुर्गी पालन में नुक़सान
मुर्गी पालन के काम में अधिकतर लोग कम जानकारी और मुर्गियों में होने वाली बीमारियों से अनजान होने के कारण नुक़सान में रहते हैं। इसके साथ ही कई बार ग़लत नस्ल का चुनाव भी इसमें मुख्य भूमिका निभाता है। हम आपको इसकी पूरी जानकारी देंगे कि अंडे का व्यापार करने के लिए आपको मुर्गी की किस नस्ल का चुनाव करना चाहिए। जिससे आप पूरे साल में अधिक से अधिक अंडों का उत्पादन कर सकें।
साल में 250 अंडे देने वाली मुर्गी
प्लायमाउथ रॉक (Plymouth Rock chicken) मुर्गी की वो नस्ल है जो किसानों को अच्छा मुनाफ़ा दिला सकती है। Plymouth Rock chicken साल भर में 250 तक अंडे देने की क्षमता रखती हैं। Plymouth Rock एक अमेरिकन नस्ल की मुर्गी है। इन मुर्गियों का वजन 3 किलोग्राम के लगभग होता है जबकि अंडे का औसतन वजन 60 ग्राम माना गया है। इन मुर्गियों की चोंच पीले कलर की और कान व चोटी लाल रंग के होते हैं। यह मुर्गी भारत के कई राज्यों में बहुतायत में पाई जाती है। व्यापार के लिहाज से इस नस्ल की मुर्गी को भारत में काफी अच्छा रेट किया जाता है।
स्वभाव के तौर पर Plymouth Rock chicken को काफ़ी शांत बताया जाता है। प्लायमाउथ रॉक मुर्गियों को घूमना बहुत पसंद होता है। वैसे तो इन मुर्गियों की चोंच पीले कलर की और कान व चोटी लाल रंग के होते हैं पर इनमे अलग-अलग रंग भी देखने को मिलते हैं। इन अलग रंगो की वजह से इन्हें ब्लैक फ्रिज़ल, ब्लू, पार्ट्रिज और कोलंबियन, रॉक बर्रेड रॉक भी कहा जाता है। अंडों के साथ-साथ इन मुर्गियों का मांस भी बाज़ार में अच्छे दाम पर बिकता है। इसलिए अंडों की अच्छी संख्या और मांस के ऊँचे दाम के कारण Plymouth Rock भारत के कई राज्यों में मुर्गी पालन में किसानों की पहली पसंद बनी हुई है।
Plymouth Rock Chicken के अलावा मुर्गियों की 8 और ऐसी नस्लें हैं जिन्हें किसानों और व्यापार की दृष्टि से वरदान बताया जाता है। इन नस्लों के नाम हैं:
- उपकारिक मुर्गी
- ओपिंगटन मुर्गी
- झारसी मुर्गी
- प्रतापधानी मुर्गी
- बैंटम मुर्गी
- कामरूप मुर्गी
- कैरी श्यामा मुर्गी और
- कैरी निर्भय मुर्गियां
Plymouth Rock Chicken का इतिहास
अगर प्लाईमाउथ रॉक के इतिहास की बात की जाये तो यह घरेलू चिकन की एक अमेरिकी नस्ल है। माना जाता है कि इसे पहली बार 19वीं शताब्दी के बीच में मैसाचुसेट्स में देखा गया था और 20वीं सदीं के आरम्भ में प्लाईमाउथ रॉक संयुक्त राज्य अमेरिका में चिकन की सबसे अधिक लोकप्रिय नस्ल बन चुकी थी। प्लाईमाउथ रॉक चिकन दोहरी उपयोगिता वाली नस्ल है, जिसे मांस और उसके भूरे अंडे के लिए लोकप्रियता प्राप्त हुई है।
विशेष रूप से, व्हाइट प्लायमाउथ रॉक मुर्गियां बड़े पैमाने पर अंडे और मांस उत्पादन के लिए उपयोग की जाती हैं क्योंकि यह औद्योगिक उत्पादन के लिए चुनिंदा रूप से पैदा हुई हैं और अध्ययनों से पता चलता है कि वे प्लायमाउथ रॉक के अन्य रूपों की तुलना में सांख्यिकीय रूप से अधिक अंडे और मांस पैदा करते हैं। इसके अलावा, उनका विनम्र स्वभाव और कठोरता उन्हें आसानी से बड़े पैमाने पर उत्पादित और उगाई जाने वाली प्रजाति बनाती है।
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