रायपुर। छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर जिले के गौठानों में बाड़ी विकास के तहत समूह की महिलाओं द्वारा अब मल्चिंग विधि से सब्जी की खेती शुरू की गई है। इस विधि से सब्जी की खेती करने से उत्पादन अच्छी होगी जिससे महिलाओं की आमदनी में वृध्दि होगी।
कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन के जिले के आदर्श गौठानों में शुरुआती तौर पर मल्चिंग विधि से सब्जी की खेती की जा रही है। अम्बिकापुर जनपद के आदर्श गोठान सोहगा में करेला, लौकी, कद्दू आदि की खेती मल्चिंग विधि से की गई है। इस विधि से खेती के लिए समूह की महिलाओं को जरूरी तकनीकी मार्गदर्शन एवं सामग्री उद्यान विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया है। नगद फसल के रूप में फायदेमंद सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के लिए गौठानों के बाड़ी में अंतरवर्ती खेती भी की जा रही है।
उपसंचालक उद्यान के.एस. पैकरा ने बताया कि मल्चिंग विधि से खेती सबसे सस्ता और अच्छी तकनीक है। मल्चिंग तकनीक खरपतवार नियंत्रण और पौधों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में बेहद कारगर है। इसमे सिंचाई जैसी समस्या से भी निजात मिलती है। इस विधि में बेड को प्लास्टिक से पूरी तरह कवर कर दिया जाता है, जिससे खेत में खरपतवार न हो। लगाए गए पौधों की जमीन को चारों तरफ से प्लास्टिक कवर द्वारा सही तरीके से ढकने को ही प्लास्टिक मल्चिंग कहते है।