आमतौर पर अमरूद सर्दियों में आने वाला एक फल है। जो सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिसकी मांग को देखते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अमरूद की एक ख़ास किस्म इजात की है, जो काले रंग की है, इसलिए इसका नाम काला अमरूद रखा गया है।
काले अमरूद में सामान्य अमरूद की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं।
काले अमरूद के गुण
* काले अमरूद में एंटीऑक्सीडेंट गुण काफी ज्यादा होते हैं।
* काले अमरूद में मिनरल्स और विटामिन की मात्रा भी अधिक होती है।
* काले अमरूद में कैल्शियम और आयरन की मात्रा भी भरपूर है।
* काले अमरूद का गूदा अंदर से लाल होता है।
* इसकी खेती सामान्य अमरूद की तरह ही होती है।
* काले अमरूद के दाम सामान्य अमरूद से ज्यादा मिलते हैं।
भागलपुर में काले अमरूद का उत्पादन शुरू हुआ
बिहार के भागलपुर में पहली दफा काले अमरूद की शुरुआत हुई। बिहार कृषि विश्वविद्यालय में इजात की गई अमरूद की अनूठी किस्म ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इसके एंटी-एजिंग फैक्टर और रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य फलों से कई ज्यादा होने की वजह से लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं।
करीब 3 साल के बाद फल आने हुए शुरू
बिहार कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान के सह निदेशक डॉ. अहमद ने बताया कि 2-3 साल पहले इस अमरूद को लगाया गया था, जिसके बाद अब फल आने शुरू हुए हैं। काले अमरूद को साइंटफिक रिसर्च के बाद विकसित किया गया है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है काला अमरूद
डॉ अहमद के मुताबिक काले अमरूद में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होती है। 100 ग्राम अमरूद में करीब 250 मिलीग्राम विटामिन-C, विटामिन-A और B, कैल्शियम और आयरन के सहित मल्टीविटामिन-मिनरल्स पाए जाते हैं। इस फल से लोगों के ‘एंटीएजिंग’ पर भी असर पड़ेगा।
किसान कैसे उगाएं काले अमरूद के पेड़
डॉ. अहमद ने बताया कि अब काले अमरूद को प्रचार-प्रसार की जरूरत है, क्योंकि यहां की जलवायु और मिट्टी काले अमरूद के लिए उपयुक्त है। उनका मानना है कि काले अमरूद के व्यवसायिक इस्तेमाल होने से मांग बढ़ेगी।
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