कृषि सरकारी योजनाएं

एक एकड़ में खेती से कमा सकते हैं 40,000 रू. महीना, सरकार दे रही 50% की सब्सिडी

Moringa oleifera. Drumstick plantation or field.
Did you enjoy this post? Please Spread the love ❤️

ड्रमस्टिक का यह पेड़ सहजन, सहजना, सेंजन, मुनगा, मोरिंगा इत्यादि नामों से जाना जाता है. पोषक तत्वों से भरपूर इस पौधे का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है. इसकी फसल औषधीय कृषि के अंतर्गत आती है. सहजन की पैदावार किसानो के लिए एक अच्छा विकल्प है. पारम्परिक कृषि में नुक्सान उठा रहे किसान या छोटे कृषक भाई भी इसकी फसल से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

सहजन की फली बाजार में 120 से 160 रूपये प्रति किलो तक का मूल्य देती है. सहजन की पत्तियों का पाउडर बना कर उन्हें दवाइयों में बेचा जा सकता है. इसकी कृषि में कीटनाशक और फ़र्टिलाइज़र की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसमें पानी की मात्रा भी अन्य फसलों की अपेक्षा काफी कम इस्तेमाल होती है. भारत सरकार इस फसल के लिए 50% का अनुदान भी देती है. सहजन की लागत लगभग 75,000 रूपये प्रति हेक्टेयर आती है. इसमें आप 3 से साढ़े 3 लाख रूपये प्रति एकड़ तक का मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं.

कैसे करें सहजन की कृषि:

सहजन की कृषि बीज और नर्सरी पौधों या कलम दोनों प्रकार से की जा सकती है. इसकी फसल एक बार बोने के बाद 4 साल तक चलती है. इसकी फसल सूखी या चिकनी बालुई मिटटी में की जाती हैं यानि की पूरे भारत में इसकी फसल का उत्पादन हो सकता है. सहजन के बीज़ से तेल निकाल कर उसे दवाइयों के लिए बेचा जा सकता है. छाल, पत्ती, गोंद जड़ इत्यादि से आयुर्वेदिक दवाई तैयार की जा सकती हैं.

बीज या कलम लेते समय किसान भाई ध्यान रखें कि बीज खराब न हो और कलम पर किसी प्रकार का दाग या धब्बा न आया हुआ हो.

अगर विशेषताओं की बात की जाये तो सहजन के पेड़ में 300 से अधिक औषधीय गुण पाये जाते हैं

इसमें 90 प्रकार के मल्टी विटामिन्स पाए जाते हैं.

45 तरह के एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है सहजन का वृक्ष

35 तरह के दर्द निवारकों में इसका इस्तेमाल किया जाता है

साथ ही तक़रीबन 17 तरह के एमिनो एसिड इसमें पाए जाते हैं

मुख्य किस्में:

कोयम्बटूर 2
रोहित 1
पी. के. एम 1
पी. के. एम 2

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *