अमरूद (Guava) हमारे देश में मिलने वाला एक साधारण सा फल है। लगभग हर घर या ग्रामीण इलाकों में अमरूद के पेड़ मिल जाएंगे। तो हम आपको बतातें हैं अमरूद कितना फायदेमंद हैं सबके लिए। अमरूद का स्वाद मीठा होता है। अमरूद के औषधीय गुण बहुत पौष्टिक होते हैं। कई तरह की बीमारियों को दूर करने में लोग अमरूद को घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल भी करते हैं।
अमरूद के फायदे-उपयोग (Health benefits of Guava)
आयुर्वेद में अमरूद के कई तरह के फायदे बताए गए हैं, अमरूद में माताओं में दूध बढ़ाने, मल को रोकने, मस्तिष्क को सबल करने वाले गुण होते हैं। अमरूद का औषधीय गुण प्यास को भी शांत करता है, हृदय को बल देता है, उल्टी रोकता है, पेट को साफ रखता है साथ ही कफ भी निकालता है। वहीं कई बार मुंह में छाले होने पर, मस्तिष्क और किडनी के संक्रमण, बुखार, मानसिक रोगों और मिर्गी आने पर अमरूद का सेवन लाभदायक होता है।
क्या हैं अमरुद के फायदे
सूर्योदय से पहले सुबह कच्चे हरे अमरूद को सिल पर पिसकर जहां दर्द होता है, वहां अच्छी तरह लेप कर देने से दर्द नहीं उठता। अगर दर्द शुरू हो गया हो तो शांत हो जाता है। ये प्रक्रिया दिन में 3-4 बार करें।
खांसी-जुकाम से आराम दिलाता है अमरूद
माना जाता है कि जुकाम के पुराने रोगी, जिसका कफ न निकल रहा हो, उसे एक बड़ा अमरूद बीज निकालकर खिला दें और ऊपर से ताजा पानी रोगी को नाक बंद करके पीला दें, तो दो-तीन दिन में ही रूका हुआ जुकाम बहकर साफ हो जाएगा। अगर सूखी खांसी हो और कफ नहीं निकलता हो तो सुबह एक ताजा अमरूद तोड़कर चबा-चबा कर खाए, 2-3 दिन में लाभ मिलेगा। एक रिसर्च के मुताबिक अमरुद की पत्तियों का सेवन जुकाम-खांसी से आराम दिलाने में सहायक होता है, क्योंकि अमरुद में पाये जाने वाला विटामिन-सी जुकाम और खांसी से शरीर को लड़ने में मदद करता है।
मुंह के रोग और दांतदर्द से आराम दिलाता है अमरुद
अमरूद के 4-5 पत्तों को चबाने या फिर पत्तों को काढ़े में फिटकरी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से दांत के दर्द में आराम मिलेगा। अमरूद की नई पत्तियों में कत्था मिलाकर चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे। अमरूद के पत्तों को पानी में पकाकर काढ़ा बनाए, इस काढ़े में नमक मिलाकर मुंह में 4-5 मिनट तक रखकर कुल्ला करने से मुंह के घाव और दुर्गध से छुटकारा मिलेगा।
अमरूद के बीज हटाकर उसे बारीक काटकर शक्कर में मिलाकर, धीमी आंच पर चटनी बनाकर खाने से हृदयविकार और कब्ज में लाभ होता है।
अगर आपको उल्टियां हो रही हैं तो अमरूद के इस्तेमाल से उल्टियां रूक सकते हैं, इसके लिए अमरूद के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिएं, जिससे उल्टी बंद हो जाती है। अमरूद के छोटे टुकड़े काट कर पानी में डालें। कुछ देर बाद उस पानी को पीने से मधुमेह में लाभ होगा।
अमरूद की छाल का काढ़ा या फिर छाल के 5 से 10 ग्राम चूर्ण का इस्तेमाल करने से पेचिश, हैजा, उल्टी और अनपच ठीक होते हैं। अमरूद का मुरब्बा, पेचिश और अतिसार में काफी फायदेमंद है। अमरूद के नए पत्तों को पीसकर रस निकाल लें। उस रस में चीनी मिलाकर सुबह इसका सेवन करें, 7 दिनों में बदहजमी में लाभ होने लगता है।
वहीं अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है तो अमरूद का सेवन फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि अमरूद में आयरन भरपूर मात्रा में होती है।
अमरुद के पत्ते त्वचा के निखार के लिए भी उपयोग किए जाते है। अमरूद की पत्तियों का लेप कील-मुहासों को दूर कर स्कीन पर निखार लाता है, क्योंकि अमरूद में कषाय गुण पाया जाता है, जो त्वचा की गंदगी को दूर करता है, तैलीय तत्व को नियंत्रित कर मुंहासों को आने से रोकता है।
5-10 ग्राम अमरूद की छाल के चूर्ण को उसके ही काढ़े के साथ सेवन करने से बवासीर के कारण होने वाले रक्तस्राव और खुजली खत्म हो जाती है। अमरूद के गुण का लाभ लेने के लिए सही मात्रा में सेवन करना ज़रूरी होता है।
अमरूद के कोमल पत्तों को पीसकर गठिया के दर्द वाले जगह पर लेप लगाने से लाभ मिलेगा।
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