MSP देश के कपास उत्पादक किसानों को कपास की खेती के प्रति उनकी रूचि कायम रखने के लिए उत्साहित करता है और गुणवत्तापूर्ण कपास के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाता है, CCI के पास सभी 11 प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों के 143 जिलों में 474 खरीद केंद्रों के जरिए से बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं। (सब हेडर)
12 नवंबर, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों की सहायता के लिए कपास सीजन 2014-15 से 2020-21 के दौरान CCI को 17,408 करोड़ रुपए के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के रूप में वित्तीय सहायता को अपनी मंजूरी दे दी है।
कपास एक सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसल है, करीब 58 लाख कपास उत्पादक किसानों के साथ-साथ कपास प्रोसेसिंग और व्यापार जैसे संबंधित गतिविधियों में लगे 400 से 500 लाख लोगों की आजीविका कायम रखने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। कपास सीजन 2020-21 के दौरान 360 लाख बेलों के अनुमानित उत्पादन के साथ 133 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती की गई, जो विश्व के कुल कपास उत्पादन का करीब 25 फीसदी है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर सरकार कपास के बीज के लिए MSP निर्धारित करती है। सरकार ने एक केंद्रीय नोडल एजेंसी के तौर पर भारतीय कपास आयोग (CCI) का गठन किया है। सीसीआई को कपास की कीमतों के MSP लेवल से नीचे गिरने की स्थिति में बिना किसी संख्यात्मक सीमा के किसानों से सभी FAQ ग्रेड के कपास की खरीद द्वारा कपास में MSP कार्यान्वित करने के लिए शासनादेश हासिल है।
पिछले 2 कपास सीजन (2019-20 और 2020-21) में वैश्विक महामारी के दौरान CCI ने देश में कपास उत्पादन के करीब 1 तिहाई हिस्से यानी करीब 200 लाख बेलों की खरीद की और करीब 40 लाख किसानों के बैंक खातों में सीधे तौर पर 55,000 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि अंतरित की।
मौजूदा कपास सीजन (अक्टूबर, 2021- सितंबर, 2022) के लिए, CCI ने MSP संचालन के लिए 143 जिलों में 474 खरीद केंद्र खोलकर सभी 11 प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में पर्याप्त व्यवस्था की है। कपास के लिए MSP को लागू करने के लिए सरकार CCI को अपनी ओर से पूरा-पूरा मूल्य समर्थन देती है।