भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गौ-पालन छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए फायदे का धंधा कैसे बने, इसपर पशु चिकित्सकों और विशेषज्ञों को परिणाम-मूलक काम करना चाहिए। दुग्ध उत्पादक पशुओं में अधिक दूध उत्पादन के लिए नस्ल सुधार और पशुओं का आसानी से इलाज हो, ऐसी व्यवस्था करना जरूरी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को राजधानी भोपाल में इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन की ओर से आयोजित लेडी वैट्स (महिला पशु चिकित्सक) कॉन्क्लेव-शक्ति 2021 का शुभारंभ किया।
पशुओं के इलाज के लिए 109 नंबर पर एम्बुलेंस सुविधा (Emergency Helpline Number for Animals)
मध्य प्रदेश में पशुओं की आसान चिकित्सा के लिए 109 नंबर से एम्बुलेंस सुविधा शुरू की गई है। जिसका उद्देश्य है कि पशुओं को इलाज के लिए अस्पताल ना लाना पड़े। बल्कि पशु जहां हैं, एम्बुलेंस वहीं पहुंचकर उनका इलाज करें।
कृषि और पशुपालन का चोली-दामन का साथ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं खुद किसान हूं और अपनी आजीविका का निर्वाह गौ-पालन से कर रहा हूं। मैंने संकल्प लिया था कि आजीविका का निर्वाह कृषि या कृषि से संबंधित गतिविधियों से ही करेंगे। कृषि और पशुपालन का चोली-दामन का साथ है। भारत की कल्पना कृषि के बिना नहीं की जा सकती और कृषि बिना पशुपालन के संभव नहीं है। कृषि में मशीनीकरण होने के कारण कृषि और पशुपालन के संतुलन में बदलाव आया है। पहले किसान गाय के साथ-साथ बैल को भी सहेज कर रखते थे। मशीनीकरण के कारण गाय और विशेष रूप से बैल का महत्व कम होता चला गया है।
उन्होंने कहा कि देशी नस्ल की गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक है, पर इन गायों में दूध का उत्पादन कम होने के कारण किसानों के लिए देशी गाय पालना कठिन होता है। ऐसे में छोटे पशुपालकों के लिए देशी गाय पालना और इससे दुध उत्पादन का लाभ का व्यवसाय बने, इसके लिए शोध और अनुसंधान जरूरी है। राज्य सरकार की ओर से गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए श्रेष्ठ गाय रखने वाले को गौपालन पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाता है।
पशुओं की बेहतरी के कामों में समाजिक भागीदारी जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि रासायनिक खाद के कारण विश्व एक अलग संकट का सामना कर रहा है। लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं, ये गंभीर खतरा है। ऐसे में जैविक खेती की ओर दुनिया को आना ही होगा। जैविक खेती में पशुपालन का बहुत अधिक महत्व है। भगवान श्री कृष्ण द्वारा शुरू की गई गोवर्धन पूजा, पशुओं के महत्व को साफ दिखाती है। ये स्पष्ट है कि गाय-बैलों के बिना काम नहीं चल सकता।
आर्थिक सुदृढ़ीकरण में पशुपालन सहायक
सीएम चौहान ने कहा कि हम प्रदेश में पशु उत्पादों के बेहतर इस्तेमाल के लिए अलख जगाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। दूध के अतिरिक्त गाय-भैंसों के गोबर, गो-मूत्र आदि से भी कई वस्तुएं निर्मित होती हैं। हम चाहें तो अपनी अर्थ-व्यवस्था को इन गतिविधियों से सुदृढ़ कर सकते हैं और देश को भी आर्थिक रूप से सम्पन्न बना सकते हैं।
पशुपालन के क्षेत्र में महिलाओं के आने से बदलाव आएगा
सीएम चौहान ने कहा कि नारी शक्ति की गौरव गाथा, रण से उपचार तक, हथियार से औजार तक। ऐसे में पशुपालन के क्षेत्र में बहनों के आने से निश्चित ही बदलाव आएगा।