कृषि मुख्य ख़बर सरकारी योजनाएं

कृषि मंत्रालय किसानों को मुफ्त में देगा अरहर, उड़द और मूंग बीज की किट। 15 जून के बाद 20 लाख से ज्यादा मिनी किट बांटी जाएंगी।

Mung bean crop
Did you enjoy this post? Please Spread the love ❤️

देश में 4 लाख टन अरहर का हो रहा है आयात देश में दालों की मांग को पूरा करने के लिए भारत अब भी 4 लाख टन अरहर, 0.6 लाख टन मूंग और लगभग 3 लाख टन उड़द का आयात कर रहा है। विशेष कार्यक्रम तीन दालों, अरहर, मूंग और उड़द का उत्पादन और उत्पादकता को काफी हद तक बढ़ा देगा और आयात के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत को दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा। वर्ष 2007-08 में 14.76 मिलियन टन के उत्पादन का आंकड़ा अब वर्ष 2020-2021 (दूसरा अग्रिम अनुमान) में 24.42 मिलियन टन तक पहुंच गया है जो कि 65 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है। कृषि मंत्रालय के बयान के अनुसार सरकार लगातार दालों के तहत नए क्षेत्रों को लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि खेती के तहत मौजूदा क्षेत्रों में उत्पादकता में भी वृद्धि हो।

अरहर, उड़द और मूंग समेत दूसरे दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय इस बार खरीफ के सीजन में किसानों को 82 करोड़ से ज्यादा की 20 लाख बीज की किट मुफ्त देगा। कृषि मंत्रालय ने खरीफ 2021 सत्र में दलहन के उत्पादन और रकबा बढ़ाने के लिए विशेष खरीफ रणनीति तैयार की है। आगामी खरीफ सीजन 2021 में मंत्रालय 20,27,318 बीज किट वितरित करेगा। साल 2020-21 की तुलना में लगभग ये लगभग 10 गुनी होंगी। इन मिनी बीज किट्स का मूल्य लगभग 82.01 करोड़ रुपये है। अरहर, मूंग और उड़द के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इन मिनी किट्स की कुल लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी। मंत्रालय के बयान के मुताबिक केंद्र सरकार के इस प्रयास से पूरे देश में लगभग 4.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर होगा। वर्ष 2007-08 की तुलना में वर्ष 2020-21 में दालों का उत्पादन 65 प्रतिशत बढ़ गया है। कृषि मंत्रालय के बयान के अऩुसार मंत्रालय ने राज्य सरकारों के साथ परामर्श के माध्यम से, अरहर, मूंग और उड़द की बुआई के लिए रकबा बढ़ाने और उत्पादकता बढ़ाने दोनों के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। रणनीति के तहत, सभी उच्च उपज वाली किस्मों (एचवाईवीएस) के बीजों का उपयोग करना शामिल है। केंद्रीय बीज एजेंसियों या राज्यों में उपलब्ध यह उच्च उपज की किस्म वाले बीज, एक से अधिक फसल (बहुफसली) और एकल फसल (सिंगल क्रॉप) के माध्यम से बुआई का रकबा बढ़ाने वाले क्षेत्र में नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत, केंद्रीय एजेंसियों / राज्य एजेंसियों द्वारा भेजी जाने वाली ये मिनी किट 15 जून, 2021 तक जिला स्तर पर चिन्हिंत केंद्र तक पहुंचाई जाएंगी।

कृषि विज्ञान केंद्र बन रहे सूत्रधार खरीफ मिनी किट कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, संबंधित जिले के साथ बड़े पैमाने पर पहुंच बनाने का कार्यक्रम केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा वेबिनार की एक श्रृंखला के माध्यम से आयोजित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस कार्यक्रम में कोई गड़बड़ी नहीं है। फसल सत्र के दौरान जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिला कृषि कार्यालय और एटीएमए नेटवर्क के माध्यम से अच्छी कृषि पद्धतियों और बाद के फसल सत्रों में नए बीजों के उपयोग के लिए आयोजित किए जाएंगे। किसानों के लिए प्रभावी कार्यान्वयन और प्रशिक्षण के लिए कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (एटीएआरआई) और कृषि विज्ञान केंद्र को भी शामिल किया जायेगा।

अरहर को एक से अधिक फसल के लिए 11 राज्यों और 187 जिलों में कवर किया जाएगा। ये राज्य हैं, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश।

मूंग इंटरक्रॉपिंग को 9 राज्यों और 85 जिलों में शामिल किया जाएगा। ये राज्य हैं, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश हैं।

छह राज्यों और 60 जिलों में उड़द इंटरक्रॉपिंग को कवर किया जाएगा। ये राज्य हैं, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश हैं। उड़द को एकमात्र फसल के रूप में 6 राज्यों में शामिल किया जाएगा।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *