जी हाँ ! आपको यह जानकर आश्चर्य हो रहा होगा तो हम आपको बता दें कि उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिले का गांव गहमर भारत का ही नहीं पूरे एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा गांव है। तो चलिए इस गाँव के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं। अगर जनसंख्या की बात करें तो इस गाँव में 1 लाख 20 हज़ार के ऊपर लोग रहते हैं।
गांव इतना बड़ा है मानो यह गांव नहीं एक पूरा कस्बा ही हो. गांव का क्षेत्रफल 8 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यानी गांव लगभग 3 किलोमीटर लंबाई में और 3 किलोमीटर चौड़ाई में तो फैला ही हुआ है. गांव वाराणसी मुगलसराय रेलवे मार्ग पर ही मौजूद है. इसी कारण यहां पर गहमर नाम का एक रेलवे स्टेशन भी बनाया गया है. बताया जाता है कि गांव को 1530 में बसाया गया था और इस गांव के लोगों ने द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर प्रथम विश्वयुद्ध तक हर प्रकार के युद्ध को लड़ा है, अंग्रेजों की टोली में जाकर।
कहना यह भी है कि इस गाँव के लोगों में सेना में भर्ती होने लो लेकर एक अलग ही होड़ है और इस गांव में हर घर से कोई न कोई सेना में भर्ती है। 1 लाख 20 हज़ार की जनसँख्या वाले इस गाँव में 12,000 से अधिक लोग सेना में है यानि कि कुल जनसँख्या का 10% जो कि एक प्रेरक संख्या है. इसी के साथ गहमर गाँव में 15 हज़ार से अधिक भूतपूर्व सैनिक है। कई घर तो ऐसे हैं जिसमे दादा ,पिता एवं बेटा तीनो भारतीय सेना को अपनी सेवा दे रहे है।
गहमर गाँव बिहार और उत्तरप्रदेश की सीमा पर बसा हुआ है तथा 8 वर्ग मील में फैला हुआ है। यह गांव 22 टोलों में बटा हुआ है, जिनके नाम किसी न किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम पर है।
गांव में सभी प्रकार की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं. गांव में स्कूल ,डिग्री कॉलेज, अस्पताल, टेलीफोन ,एक्सचेंज यातायात सभी चीज़ों की सुविधा है।