2014 में मोदी सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरूआत की थी. जिसके नतीजे अब सामने आ रहें हैं.
बीते 6 सालों में भारत के दूध उत्पादन उद्योगों में रफ़्तार आई है. अगर सरकारी आंकड़ों की बात की जाये तो पिछले 6 वर्षों में 44 फीसदी का उत्पादन बढ़ा है. इसी बीच इन 6 वर्षों के दौरान मीट के उत्पादन में 38 फीसदी का इजाफा हुआ है
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी सचिव अतुल चतुर्वेदी ने आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि डेयरी सेक्टर में बीते पांच साल में सालाना छह फीसदी से ज्यादा की वृद्धि रही है और डेयरी के अलावा लाइवस्टॉक में आठ फीसदी से ज्यादा सालाना वृद्धि हो रही है, जोकि कृषि से कई गुना ज्यादा है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र में अड़चनों को दूर करने के लिए सरकार रिफॉर्म कर रही है और नये कृषि कानून इसी दिशा में बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि डेयरी से जुड़े किसानों पर उनके उत्पाद को बेचने पर कोई बंधन नहीं है, क्योंकि उन पर कोई मंडी कानून लागू नहीं होता है। चतुवेर्दी ने कहा, ‘इसी डेयरी की सक्सेस स्टोरी को फसल उत्पादक किसानों के लिए लागू करने के लिए ही कृषि सुधार कानून लाए गए हैं ताकि उनको अपने उत्पाद बचाने की आजादी मिले।’ देश में दूध के उत्पादन में बीते छह साल में 44 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि अंडों के उत्पादन में 53 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।