पोल्ट्री कारोबार पिछले दिनों बर्ड फ़्लु और कोरोना के चलते भरी मंडी की चपेट में रहा है, जिससे बहुत सरे किसानों के मुर्गी फार्म या तो बंद हो गए या उन्हें घाटे का सोसा करना पड़ा. जहाँ एक और बॉयलर और लेयर फार्मिंग में मुर्गी पलने की लागत अब मार्किट में मिलने वाले दाम से ज्यादा पद रही है वही दूसरी और कड़कनाथ का पालन करने वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
अगर खर्च की बात करें तो कड़कनाथ और दूसरे मुर्गे की तुलना करें तो , “एक किलो का मुर्गा तैयार करने में 85-90 रुपए का खर्च आ रहा है और बाजार में उसका रेट 67 रुपए किलो है यानि किसान को सीधे 20-25 रुपए किसान का घाटा होता है। वहीं कड़कनाथ मुर्गे को अगर बाग में पाल रहे है तो कोई खर्चा नहीं लेकिन अगर बाग नहीं है तो एक किलो तैयार करने में 200 रुपए लगेंगे और बाजार में यह 500 से 900 रुपए किलो में बिक जाता है.
कड़कनाथ को केज में पालने की जरुरत नहीं पड़ती और इनमें बीमारियां भी नहीं होती। कड़कनाथ के एक किलोग्राम के मांस में कॉलेस्ट्राल की मात्रा करीब 184 एमजी होती है, जबकि अन्य मुर्गों में करीब 214 एमजी प्रति किलोग्राम होती है. इसी प्रकार कड़कनाथ के मांस में 25 से 27 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जबकि अन्य मुर्गों में केवल 16 से 17 प्रतिशत ही प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा, कड़कनाथ में लगभग एक प्रतिशत चर्बी होती है, जबकि अन्य मुर्गों में 5 से 6 प्रतिशत चर्बी रहती है। इस प्रकार से यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है.
कड़कनाथ हरी खास, बरसीन, मक्का इस तरह की फसलों के फीड पर पला जा सकता है. इसे अन्य ब्रीड की तरह बाजार के महंगे फीड की जरुरत नहीं पड़ती। साथ ही कड़कनाथ के देसी अंडे की कीमत भी साधारण अंडे ज्यादा मिल जाती है.