भारत में गन्ने की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। जिससे चीनी, गन्ने और शक्कर का बड़ा बाज़ार उत्पन्न होता है। लेकिन किसानों को गन्ने के देरी से भुगतान की समस्या हमेशा बनी रहती है। जिसको लेकर समय समय पर आन्दोलन भी होते रहे हैं।
लेकिन गुजरात के एक किसान गोविंदभाई वाघसिया ने स्वयं इसका समाधान ढूंढ लिया है। उन्होंने गन्ने के भुगतान से परेशान होकर गुड बनाने और बेचने का फैंसला लिया। वो पारंपरिक रूप से गुड बनाना जानते थे लेकिन इसे व्यावसायिक रूप से करने के लिए उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय से संपर्क किया।
आज वो अपने नाम के ब्रांड से गुड़ का उत्पादन कर रहे हैं उनके गुड़ प्लांट में लगभग 350 लोग काम करते हैं और वो पिछले 10 सालों से आर्गेनिक गुड का निर्माण भी कर रहे हैं तथा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया तक अपने गुड की सप्लाई कर रहे हैं। गोविन्द भाई ने इस व्यवसाय की शुरुआत बहुत छोटे स्तर से की थी लेकिन अपनी गुणवत्ता और मेहनत से उन्होंने इसे एक मुख्य व्यवसाय के रूप में स्थापित कर दिखाया।
किसानों को अक्सर अपनी फसल का या तो सही दाम नहीं मिल पाता या फिर उन्हें भुगतान के लिए लम्बे समय इन्तजार करना पड़ता है। इसी समस्या को हल करने के लिए गुजरात के गोविंदभाई वाघसिया ने अपना प्रोडक्ट खुद बनाने का फैंसला किया। जिसे सीधे उपभोक्ता तक पहुँचाया जा सके।
द बेटर इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके प्लांट से 10 किलो गुड़ ले जाने वाला ग्राहक, अगले साल 100 किलो गुड़ लेने वापस आता है। मेरे लिए यही मेरी सफलता और मुनाफा है। अपने पिता की दी हुई सीख को याद करते हुए वो कहते हैं हुए वो बताते हैं कि उनके पिताजी अक्सर कहा करते थे कि दुनिया के किसी भी दूसरे बिज़नेस के बजाय, अगर तुम खेती में दिल से मेहनत करोगे, तो मन की शांति के साथ अच्छा मुनाफा भी कमा सकोगे। साथ ही कहते थे कि खेती में अपनी आय बढ़ाने ते लिए हमेशा कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए, चाहे नयी तकनीक और या फिर नये प्रोडक्ट का निर्माण।
गुजरात के एक किसान गोविंदभाई वाघसिया सभी किसानों के लिए एक मिसाल हैं।