सॉइल हेल्थ कार्ड योजना भारत सरकार की ओर से साल 2015 में देश के किसानों को लाभ देने के लिए शुरू की गई थी। योजना के तहत देश के किसानों की जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल हासिल करने में सहायता दी जाएगी। इस मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को एक हेल्थ कार्ड दिया जाएगा, जिसमें किसानों के जमीन की मिट्टी किस तरह की है इसकी जानकारी दी जाएगी और किसान अपनी जमीन की मिटटी की गुणवत्ता के आधार पर अच्छी फसल की खेती कर सकेगा।
केंद्र सरकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड हर 3 साल में किसानों को देगी। कार्ड किसानों को उनके खेतों की गुणवत्ता के आधार पर दिया जाएगा जो कि 3 साल के लिए 1 बार होगा। इस स्कीम के मुताबिक सरकार का 3 साल के अंदर ही पूरे भारत में लगभग 14 करोड़ किसानों को ये कार्ड जारी करने का लक्ष्य है। इस मृदा हेल्थ कार्ड में खेतों के लिए पोषण/ उर्वरकों के बारे में बताया जाएगा। सॉइल हेल्थ कार्ड एक रिपोर्ट कार्ड है जिसमें मिट्टी के गुण के बारे में बहुत जरूरी जानकारी दी जाएगी।
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना 2021 का लक्ष्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को उनकी जमीन की पूरी जानकारी लेकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड देना है। जिससे किसान ज्यादा से ज्यादा खेती कर सके। किसानों को उनके खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य के मुताबिक फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। सॉइल हेल्थ कार्ड योडना 2021 के जरिए मिट्टी की गुणवत्ता मुताबिक फसल लगाने से फसल की उत्पादक क्षमता बढ़ेगी जिससे कि किसानों की आय भी बढ़ेगी और खाद के इस्तेमाल से मिट्टी के आधार और संतुलन को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को कम कीमत में अधिक पैदावर मिल सके।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 2021 की मुख्य जानकारी
* इस योजना के तहत देश के किसानों की खेतों की मिट्टी जांच करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड देना है।
* सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम 2021 का लाभ देश के 14 करोड़ किसानों को सरकार की ओर से दिया जाएगा।
* किसानों को उनके खेतों के मुताबिक फसल लगाने का सुझाव दिया जाएगा।
* इस कार्ड के तहत किसानों को एक रिपोर्ट दी जाएगी, इस रिपोर्ट में उनकी जमीन की मिट्टी की पूरी जानकारी होगी।
* सॉइल हेल्थ कार्ड 2021 के तहत किसानों को एक खेत के लिए हर 3 साल में एक कार्ड दिया जाएगा।
* भारत सरकार ने इस योजना के लिए करीब 568 करोड़ रूपये का बजट तय किया है।
* देश के सभी किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ उठा सकते हैं।
* केंद्र सरकार की ओर से मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटने के पहले चरण (साल 2015 से 2017) में 10.74 करोड़ कार्ड और दुसरे चरण (साल 2017-2019) में 11.69 करोड़ कार्ड बांटे गए।
* इन कार्ड्स की मदद से किसान अपने खेतों की मिट्टी के बेहतर स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार के लिये पोषक तत्त्वों का उचित मात्रा में इस्तेमाल करने के साथ ही मृदा की पोषक स्थिति की जानकारी हासिल कर रहे हैं।
Soil Health Card Scheme के लाभ और विशेषताएं
* Soil Health Card को केंद्र सरकार की ओर से शुरू किया गया है।
* इस योजना के जरिए से किसान अपने खेत की मिट्टी की उपज बढ़ा सकते हैं।
* इस योजना के तहत एक कार्ड दिया जाता है, जिसके जरिए से किसान अपने खेत की जमीन की मिट्टी का हाल जान सकता
है।
* अगर किसानों को अपने खेत की मिट्टी का हाल पता होगा तो उन्हें मिट्टी की गुणवत्ता के मुताबिक फसल लगाने में आसानी होगी और अच्छी खेती की जा सकेगी, साथ ही फसल से ज्यादा मुनाफा हासिल किया जा सकेगा।
* किसानों को उनके खेत की मिट्टी से संबंधित सभी जानकारी मुद्रा स्वास्थ्य कार्ड के जरिए से दी जाएगी।
* साल 2015 में इस योजना को शुरू किया गया था।
* इस योजना को किसानों की आय में वृद्धि करने और खाद के इस्तेमाल से मिट्टी के आधार और संतुलन को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
* कम कीमत में फसल की अधिक पैदावार भी इस योजना के जरिए से सुनिश्चित की जा सकेगी।
* इस योजना के तहत जो सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को दिया जाएगा, उसमें किसानों को अपने खेत के मुताबिक फसल लगाने के सुझाव भी दिए जाएंगे।
* इस कार्ड के जरिए से किसानों को ये भी जानकारी दी जाती है कि मिट्टी के अंदर कितनी मात्रा में क्या चीज है और किस फसल के लिए कितनी खाद और कौन सी खाद का इस्तेमाल किया जाए।
* सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के जरिए से किसानों के उत्पाद में भी बढ़ोतरी होगी।
सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम 2021 कैसे काम करती है?
* सबसे पहले अधिकारी आपके खेत की मिट्टी के सेम्पल को इकठ्ठा करेंगे।
* इसके बाद मिट्टी को परीक्षण के लिए लेबोरेटरी में भेजा जाएगा।
* विशेषज्ञ मिटटी की जांच करेंगे और मिटटी के बारे में सभी जानकारियां हासिल करेंगे।
* इसके बाद कई मिट्टी के सैंपल की ताकत और कमजोरी की सूची बनाई जाएगी।
* अगर मिट्टी में कुछ कमी है तो उसके सुधार के लिए सुझाव देंगे और उसकी एक सूची बनायेंगे।
* उसके बाद रिपोर्ट को एक-एक करके किसान के नाम के साथ ऑनलाइन अपलोड़ किया जाता है।
* जिससे की किसान अपने मिटटी की रिपोर्ट जल्द देख सकेंगे और उनके मोबाइल पर भी इसकी जानकारी दी जाती है।