धमतरी । सुराजी ग्राम योजना के तहत पशुधन विकास विभाग द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कुल 127 गोठानों में पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। इनमें कुरूद विकासखंड में 45, नगरी में 42 तथा मगरलोड और धमतरी विकासखंड में 20-20 शिविर लगाए गए।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डा एमएस बघेल ने बताया कि एक अप्रैल 2021 से अब तक लगाए गए इन शिविरों में चरवाहे और ग्रामीण पशुपालकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए इसका लाभ उठाया। जिले के चारों विकासखंडों में आयोजित शिविरों के दौरान कुल एक लाख 39316 पशुओं को लाभान्वित किया गया। 13142 पशुओं का उपचार, 4803 का कृत्रिम गर्भाधान, 2133 वत्सोत्पादन, 2273 का बधियाकरण किया गया। 18817 पशुओं को कृमिनाशक दवा और 16612 पशुओं की डिटिकिंग की गई। एक लाख 49966 पशुओं का टीकाकरण किया गया। डा बघेल ने बताया कि शिविरि में विभिन्न योजनाओं के तहत प्रकरण भी स्वीकृत किए गए। इनमें कुक्कुट इकाई के तहत 326, उन्नत मादा वत्स पालन के 32, बकरा इकाई के 24 और रूरल बैकयार्ड गोट डेवलपमेंट के 40 प्रकरण शामिल हैं। विकासखंडवार शिविरों की जानकारी देते हुए बताया गया है कि धमतरी विकासखंड के शिविरों में कुल 34701 पशु गोठानों में मौजूद रहे। यहां 2636 पशुओं का उपचार, 1534 का कृत्रिम गर्भाधान, 605 वत्सोत्पादन, 825 का बधियाकरणकरण किया गया। 5067 पशुओं को कृमिनाशक दवाई पिलाई गई और 3173 पशुओं की डिटिकिंग की गई। 27578 पशुओं का टीकाकरण किया गया।
कुरूद के गोठानों में 62234 पशु मिले
इसी तरह कुरूद विकासखंड के शिविरों में कुल 62234 पशु गोठानों में उपस्थित रहे। यहां 4991 पशुओं का उपचार, 2305 पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान, 1223 वत्सोत्पादन, 764 बधियाकरण किया गया। यहां 8221 पशुओं को कृमिनाशक दवाई पिलाई गई और 5249 का डिटिकिंग किया गया। इसी तरह 74955 पशुओं का टीकाकरण किया गया। मगरलोड विकासखंड में शिविर के दौरान 25016 पशु गोठानों में मौजूद रहे। इस विकासखंड में जहां 3454 पशुओं का उपचार, 522 पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान, 178 वत्सोत्पादन, 110 बधियाकरण किया गया। वहीं 2596 पशुओं को कृमिनाशक दवाई पिलाई गई। इसी तरह 4915 पशुओं की डिटिकिंग और 22052 पशुओं का टीकाकरण किया गया। नगरी विकासखंड में जहां 17365 पशु गोठानों में उपस्थित रहे, वहीं 2061 पशुओं का उपचार किया गया। इस विकासखंड में कुल 25381 टीकाकरण किए गए। 442 पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान, 127 वत्सोत्पादन, 574 बधियाकरण किया गया। इसके अलावा 2933 पशुओं को कृमिनाशक दवा पिलाई गई और 3275 का डिटिकिंग किया गया।