धमतरी। अल्प वर्षा से सबक लेकर इस साल किसान जल संरक्षण करने गर्मी के रबी सीजन में अपने खेतों पर धान फसल नहीं लेंगे। क्योंकि धान की खेती के लिए सिंचाई पानी की जरूरत अधिक पड़ती है। कम सिंचाई पानी वाले दलहन-तिलहन, चना व गेहूं के फसल लेने का निर्णय किसानों ने बैठक में ली है। ग्रामीण व किसान गर्मी में जल संकट से निबटने बैठक आयोजित कर यह निर्णय लिया है।
धमतरी जिला मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर बालोद जिले के गुरूर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पेंडरवानी में पिछले दिनों ग्रामीण व किसानों की बैठक हुई। जिसमें अधिकांश किसानों ने निर्णय लिया है कि इस साल रबी सीजन में वे अपने खेतों में धान फसल नहीं लेंगे। क्योंकि धान फसल के लिए सिंचाई पानी की अधिक जरूरत पड़ती है। साथ ही गर्मी बढ़ने पर किसानों को सिंचाई पानी के लिए कई परेशानी होती है।
सरपंच सत्यवान साहू, उपसरपंच खिलेश कुमार साहू, किसान नारायण साहू, शंकर लाल साहू, कामदेव साहू, भीखम राम साहू, रमेश साहू, प्रहलाद साहू, तेजराम साहू ने बताया कि गांव में पिछले कई सालों से किसान रबी सीजन में धान फसल लेते आ रहे हैं, इससे गांव का भू जल स्तर पहले से प्रभावित है। गर्मी के दिनों में कई मोटरपंप बंद हो जाता है। पानी की रफ्तार कम हो जाती है, ऐसे में पीने के पानी के लिए भी गांव में कई बार संकट की स्थिति बनती है। इस साल तो बारिश भी कम हुई है।
भू जल स्तर में पर्याप्त सुधार नहीं
भू जल स्तर में पर्याप्त सुधार नहीं हो पाया है। ऐसे में किसानों ने जल संरक्षण के लिए इस साल रबी सीजन में धान फसल नहीं लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय ग्रामीणों व किसानों ने स्वयं ली है। किसानों का यह भी कहना है कि फसल परिवर्तन किसानों के लिए फायदेमंद है। ज्यादार किसान इस साल रबी सीजन में अपने खेतों पर चना व गेहूं के फसल लेने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस कौशल ने कहा कि धमतरी जिले के किसानों को भी रबी सीजन में दलहन-तिलहन, चना व गेहूं लगाना चाहिए। क्योंकि इन फसलों के लिए सिंचाई पानी की जरूरत कम पड़ती है।