धमतरी ।किसानों के खेतों पर खरीफ धान फसल तैयार होने लगी है। मौसम के उतार-चढ़ाव से फसल पर भूरा माहो हमला कर रहा है, इससे फसल खराब हो रही है। कीटनाशक के छिड़काव के बाद भी माहो से राहत नहीं मिलने से किसान परेशान है। इसका सीधा असर किसानों के उत्पादन पर पड़ेगा। कई गांवों में तो माहो तैयार फसल को पूरी तरह से चौपट कर रही है।
ग्राम डाही के किसान भागवत साहू , नैनदास खरे , चम्मन सोनवानी , भगेला पटेल , मिलावा ठाकुर और ओंकार पटेल ने बताया कि माहो से धान फसल को बचाने कई कंपनियों के कीटनाशक का छिड़काव खेतों पर कर चुके हैं, लेकिन फसल को माहो से राहत नहीं है। क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क नहीं होने के कारण उचित मार्गदर्शन भी नहीं मिल रहा है, इससे किसान परेशान है। कुछ किसानों के खेतों पर माहो का प्रकोप बढ़ने से पूरी फसल को ही चट कर गई है। लागत के अनुसार उत्पादन नहीं होने से किसान कर्ज में डूब जाएंगे। किसानों की मांग है कि शासन माहो व अन्य बीमारियों से प्रभावित किसानों के धान फसल का सर्वे कर मुआवजा दिलाएं। प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ भी दिलाएं।
एक से दूसरे खेतों पर हमला
कृषि अधिकारी एफएल पटेल ने बताया कि हरा व भूरा माहो धान फसल के लिए दोनों खतरनाक है। कीटनाशक छिड़काव के बाद भी वे नहीं मरते। कुछ प्रतिशत जिंदा रहते हैं, जो बाद में तेजी से बढ़कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। धान कटाई तक यह फसल पर रहता है। एक खेत में लगी फसल की कटाई के बाद दोनों प्रकार के माहो आसपास के अन्य खेतों पर लगी फसल में हमला करते हैं। ऐसे में किसान कृषि के जानकारों से संपर्क व सुझाव के साथ माहो के लिए उपयुक्त कीटनाशक का ही छिड़काव करें, जिससे फसल को राहत मिले और फसल सुरक्षित रहे।