जी हाँ, अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं हैं. पहलवानों की भूमि कहलाने वाले हरियाणा के लोग बाकि राज्यों के लोगों से तीन गुना अधिक दूध पीते हैं. हरियाणा में एक पुरानी कहावत है ‘देसां में देस हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा।’ और यह कहावत हरियाणा में बिलकुल सच साबित होती है.
पिछले कुछ सालों में हरियाणा में पशुपालन कम होता नजर आ रहा था जिससे यहाँ के दूध उत्पादन में भी कमी आई थी लेकिन अब यहां दूध का उत्पादन बढ़ गया है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता ने हरियाणा ने पड़ोसी राज्य पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। हरियाणवी देश के आम लोगों से तीन गुना दूध पी रहे हैं।
करीब पांच साल पहले तक राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 800 से 900 ग्राम थी, जो अब बढ़कर 1142 ग्राम हो गई है। यानी प्रदेश की पौने तीन करोड़ जनता में हर रोज एक व्यक्ति को करीब सवा लीटर दूध उपलब्ध हो रहा है।
अगर पुरे देश की जाये तो राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यक्ति को औसत हर रोज 342 ग्राम दूध ही मिल पाता है, लेकिन हरियाणा में ऐसा नहीं है यहाँ यह औसत अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। इससे भी ज्यादा खास बात यह है कि प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में हरियाणा अपने पड़ोसी राज्य पंजाब से आगे निकल गया है।
पंजाब में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 1132 ग्राम है, लेकिन हरियाणा में यह 1142 ग्राम यानी 10 ग्राम प्रति व्यक्ति ज्यादा हो गई है। लोगों को इस दूध की उपलब्धता औसत आधार पर दूध, दूध से बने उत्पाद, दही, पनीर, लस्सी और मिठाई के रूप में हो रही है।